भारत में लगभग 70,00,00,000 महिलाएं हैं और दुर्भाग्य की बात ये है कि हर परिवार में कोई न कोई महिला या तो बीमार है या बीमारी की ओर बढ़ रही है। इसका कारण है भारत की महिलाओं का अपने परिवार के प्रति जिम्मेदार होना। सुबह नाश्ते से लेकर बच्चे को स्कूल भेजने से लेकर पति को ऑफिस और रात होने तक वह दिनभर काम में लगी रहती है। इसी वजह से वह अपने खानपान और सेहत का ध्यान नहीं रख पाती। दूसरा कारण ये भी है कि आजकल खानपीन बहुत ज्यादा खराब हो गया है। दवाइया और पेस्टिसाइड का भोजन हम खा रहे हैं और आज कल के लोगों ने जंक फूड भी बहुतज्यादा खाना शुरू कर दिया है, जिनके साइड इफेक्ट के चलते महिलाओं के हार्मोन्स डिस्बैलेंस हो रहे हैं और जिनके कारण बहुत सारे रोग पैदा हो रहे हैं।
पुरानी बात करे तो हार्मोन डिस्बैलेंस होने का पैटर्न ये था की 30 से 35 साल की एज की महिलाओं के हार्मोन डिसबेलेंस होने के चान्सेस रहते थे,लेकिन अब 22 साल की लड़कियों से लेकर या फिर शादीशुदा महिला हो या न हो उनके हार्मोन डिस्बैलेंस होने लगे हैं । इसी कारण तमाम तरह के रोग पैदा हो रहे हैं और आप देखिए कि ज्यादातर परिवारों में महिलाएं दवाइयों पर जिंदा हे। उन्हें बार- बार डॉक्टर के पास जाना पड़ता है। फिर पता चलता है कि किसी को लिकोरिया है या किसी को हाई ब्लड प्रेशर, किसी को शुगर या किसी को बॉडी पेन, किसी को बैक में पेन। या फिर किसी को एसिडिटी प्रॉब्लम है ।
तमाम तरह की दिक्कतों का सिर्फ एक ही कारण है, वह है हार्मोन का डिस्बैलेंस होना? डॉक्टर पर डिपेंड होकर दवा आप खाते रहिए और चलते रहिए। यानी ज्यादातर जो रोग है वो असाध्य रोग गए हैं और मेडिकल साइंस में असाध्य रोगों को पूरे तरीके से दवा नहीं बनी है। जैसे लिकोरिया है। इसको खत्म करने के लिए मेडिकल साइंस में आज तक कोई दवा नहीं बनी। आयुर्वेद में कुछ चीजें ऐसी हैं, जिनको हमारे ऋषि मुनियों ने और हमारे वैद्य जिन्होंने आविष्कार किया और वो हमारे लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। आपको मैं बता दूँ कि आज मैं आपको एक ऐसी दवा के बारे में बताने वाला हूँ, जो महिलाओं के हारमोनल डिसवैलेंस को बिल्कुल खत्म कर सकती है और ये जो दवा है, इसको आपको रोज़- रोज़ नहीं लेना होगा। इसकी थेरेपी केवल आपको महीने में 3 दिन करनी होगी। मंथ में ओनली 3 दिन और तीन महीने में आप तीन 3 दिन इस कोर्स को कर लें तो आपके जितने भी बॉडी में हार्मोनल डिस्बैलेंस की वजह से प्रॉब्लम हो रही है। वो बिलकुल ठीक हो जाएंगी। एंड ये जो टैबलेट है ,जिसके बारे में मैं आपको बता रहा हूँ, इसके एक नहीं , काफी ज्यादा बेनिफिटस हे।
ये आपको अलग -अलग तरह से काफी ज्यादा बेनिफिट देती है। हार्मोनल डिस्पेंस होने की वजह से सबसे पहले जो फीमेल्स को प्रॉब्लम फेस करनी पड़ती है, जो सबसे ज्यादा देखने को मिलता है , वो है वीकनेस, जो आज के टाइम में हर फीमेल अपने डे टु डे लाइफ में फील करती है । जिससे वो अपने नॉर्मल डेली वर्क करने में बहुत टाइम लगता है और वीकनेस होने की वजह से फीमेल अपने फेसका ग्लो भी खो देती हैं। असल बात यह है कि आपके फेस पर ग्लो तब आता है, जब आप इंटरनली बिल्कुल फिट होंगे। मीन्स जब भी आपके हार्मोन बिल्कुल प्रॉपर वर्क पर रहे होंगे, जब आप अपने फेस पर ग्लो फील कर सकते हैं।
ये जो एलोपैथी में जितने भी मेडिसिन मार्केट में अवेलेबल हैं, इन सब में कहीं न कहीं केमिकल या हम कहें तो ड्रग अवेलेबल होते हैं, जो आपकी ह्यूमन बॉडी के लिए काफी ज्यादा हार्मफुल हो सकते हैं और कहीं ना कहीं इंटरनली बैड इफ़ेक्ट भी डाल सकते हैं। ट मैं आज इस मेडिसिन के बारे में मैं आपको बता रहा हूँ वो आपको न ही तो कंज्यूम करनी होगी, न ही किसी सीरप के फॉर्म में पीनी होगी। वो सिर्फ रखने वाली एक दवा है।
ये हमारी कंपनी है मोहिनी कॉमर्शियल कॉर्पोरेशन और यह आयुर्वेदिक पर डिपेंड होकर एक टैबलेट बनाती है, जिसका नाम है वर्जिन। ये कंपनी पिछले 23 साल से इस टैबलेट को मैन्युफैक्चर कर रही है और ये पूरे मिडल ईस्ट में एक्स्पोर्ट हो रही है और इस कंपनी ने मिडल ईस्ट में मोस्टली एरियाज़ लाइक कुवैत, दुबई, कतर, ओमान, जैसे एरियाज़ को कवर कर रखा है और वहाँ के डॉक्टर और मेडिसिन स्पेशलिस्ट भी इस दवाई को पेशेंट्स को प्रेस्क्रिब्ड करते हैं। वहाँ की फीमेल्स इस मेडिसिन को यूज़ कर रही है। अपनी हेल्थ को अच्छा रखती है और उसमें सुधार ला रही है। यह कंपनी इंडिया में अब ऑपरेशन शुरू कर रही है ।
आपको इस टैबलेट को कंज्यूम नहीं करना है। अब मैं आपको इस मेडिसिन को यूज़ करने के स्टेप्स बताने जा रहा हूँ। ये सिर्फ महीने में 3 दिन का कोर्स ह। आपको अपने रात का डिनर फिनिश करने के बाद वॉशरूम जाने के बाद इस टैबलेट को पानी के बाउल में रखना होगा। 2-3 मिनट के लिए फिर इसमें आपको एक ऐप्लिकेटर रिसीव होगा, जिसमें आपको इस मेडिसिन को रखना होगा। फिर ये ऐप्लिकेटर आपको अपनी वजाइना मे प्लेस करना होगा। सुबह तक ये टैबलेट 70-80 परसेंट डाइल्यूट हो जाएगी और जो रेस्ट बचेगी, इसको आपको निकाल कर डस्टबिन में थ्रू कर देना है। ये प्रोसेसर आपको रेग्युलर 3 दिन करनी है एंड अगर आप ये थेरेपी ले रहे हैं तो 3 दिन तक आपको इंटरकोर्स नहीं करना है। इसको यूज़ करने के बाद आपको कुछ सिम्पटम्स फील हो सकते हैं, जैसे आपको ईचिंग हो सकती है। आपको थोड़ा बहुत पेन हो सकता है, लेकिन आपको इसको इग्नोर करना है।
आपकी वजाइना की डेड सेल्स का रिवाइव होना है आफ्टर कंप्लीशन ऑफ थ्री डेज़ ऑफ थेरपी यू कैन सीधे ग्लो ऑन योर फेस गैरन्टी के रिज़ल्ट एंड यू विल गेट रेड ऑफ ऑल डिसीसेस इन योर बॉडी । आप बिना ज्यादा सोचे इस थेरपी एक बार को यूज़ कर सकते हैं क्योंकि जो टैबलेट है वो लेब टेस्टेड है एंड वो सर्टिफाइड है। आयुष मंत्रालय से एंड डज़न्ट कन्टेन्ट एनी टाइप ऑफ केमिकल इन इट। हमने इसके अंदर सभी हर्बल तत्वों का यूज़ किया है।
ऐट विल नॉट प्रोवाइड एनी काइंड ऑफ रिऐक्शन इन द बॉडी ऐड्वैन्स योर दैट यू विल फील हैप्पी आफ्टर यूज।
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